समन्वय से ही एकता है समन्वय से ही मानवता है। धर्म जात पांत वहां सब लुप्त हो जाते जहां समन्वय ही मानव में बसता है.....






समन्वय से ही एकता है
समन्वय से ही मानवता है।
धर्म जात पांत वहां सब लुप्त हो जाते
जहां समन्वय ही मानव में बसता है.....
21/04/2018, शनिवार को काका साहब कालेलकर एवं विष्णु प्रभाकर जी की स्मृति को समर्पित गांधी हिंदुस्तानी साहित्य सभा, विष्णु प्रभाकर प्रतिष्ठान और विश्व समन्वय संघ द्वारा गांधी हिंदुस्तानी साहित्य सभा राजघाट, नई दिल्ली, "सन्निधि संगोष्ठि"में आयोजित सभी लोगों में समन्वय का , मानवता का, भाई चारे का और आत्मीयता का मेल दिखा।
जहां सभी धर्मों के लोगो ने सर्वधर्म भाव को अपनाते हुए प्रार्थना से संगोष्ठी की शुरुआत करी।