सभी आदरणीय जी/ प्रिय मित्रों को नमस्कार... मृत्यु के अटल सत्य को परम सखा मृत्यु ही माने....
आज इस वैश्विक महामारी कोरोना के डर से समाज में लोग मृत्यु को लेकर भयभीत होकर मनोरोगों की ओर बढ़ रहें है।
मृत्यु का नाम सुनने के नाममात्र से मन में अनायास खौफ पैदा होने लगता है, अज्ञान के कारण मन जीवन को नीरसता की और बढ़ता हुए स्वयं के समस्त कार्यों में बाधा डालता है।
विश्व समन्वय संघ के संस्थापक श्रद्धेय आचार्य काका साहेब कालेलकर द्वारा रचित अनमोल पुस्तक *परम सखा मृत्यु* पर हर माह एक वेबिनार हो रहा है।
इस पुस्तक के भाव विषम परिस्थितियों में समाज के लोगों के लिए औषधि के रूप में सहायक सिद्ध होंगे... समाज में जो लोग मृत्यु को लेकर भयभीत होकर मनोरोगों की ओर बढ़ रहें है।
वर्तमान समय में वेबिनारों के कारण ही साहित्य के क्षेत्रों में भी बीते दौर के साहित्यकारों, महापुरुषों की अनेक ऐसी प्रतिभाओं के बारे में युवा पीढ़ी को जानने को मौका मिल रहा है। वैश्विक महामारी के इस विकट समय में युवाओं के पास वेबिनार ही सेमिनार का विकल्प बनकर उभरा है।
श्रद्धेय काका साहेब कालेलकर के उदात्त विचारों के प्रचार प्रसार से पुरानी पीढ़ी की यादें ताजा हो जाएंगी, नई पीढ़ी को ज्ञानार्जन का सुनहरा मौका मिलेगा...