"गांधी जी की तो हत्या कर दी गई पर गांधी के विचारों को कोई नहीं मार सकता"
विश्व में बढ़ती जा रही हिंसा, अशांति, को विराम देने की आकांक्षा से प्रेम, शांति, सौहार्द,भाईचारे की भावना का दीप लिए हुए विश्व में समन्वय की भावना को प्रचार प्रसार करने के उद्देश्य से अनेक वर्षों तक पूज्य महात्मा गांधी जी और साहित्य जगत और समाज से जुड़े उनके शिष्य आचार्य काका साहेब कालेलकर विश्व समन्वय संघ को स्थापित कर अपनी विचारधारा और कार्यक्रम से विश्व में शांति और समन्वय का प्रकाश चारों और फैलाने में निरन्तर प्रयासरत थे।
आज उन्ही आचार्य काका साहेब कालेलकर की विश्व में समन्वय की भावना को विस्तार और प्रचार प्रसार करने का दायित्व और अपना कर्तव्य समझते हुए पिछले कई वर्षों से विश्व समन्वय संघ , राजघाट, दिल्ली के संघ के कार्यकर्ता, जो निरन्तर प्रयासरत है उसी भावना प्रेम अमन को भारत सहित विश्व में कायम करने के लिए। इस संघ के सदस्यों ने अपना दायित्व समझते हुए आचार्य काका साहेब की मृत्यु उपरांत से अपनी ज़िम्मेदारी समझते हुए इस कार्य में अपनी सहभागिता दिखाते हुए अनेक कार्यक्रम, संगोष्ठियां, सम्मेलन आदि आयोजित करती आई है और आज भी कर रही है।