विश्व समन्वय संघ, सन्निधि, राजघाट, नई दिल्ली के संरक्षक , विश्व में फोटोग्राफर, पर्वतारोही और योगी के रूप में स्वामी सुन्दरानन्द । उन्हें हिमालय का विशेषज्ञ भी कहा जा सकता है।
मनुष्य सदियों से प्रकृति की गोद में फलता-फूलता रहा है। इसी भाव से स्वामी सुंदरानंद जी ने आध्यात्मिक चेतना ग्रहण की और इसी के सौन्दर्य से मुग्ध होकर उन्होंने हिमालय में घुमक्कडी के दौरान अद्भुत आकार वाली पेडों की जडें, अद्भुत पत्थर चित्र एकत्र किए।
मनुष्य सदियों से प्रकृति की गोद में फलता-फूलता रहा है। इसी भाव से स्वामी सुंदरानंद जी ने आध्यात्मिक चेतना ग्रहण की और इसी के सौन्दर्य से मुग्ध होकर उन्होंने हिमालय में घुमक्कडी के दौरान अद्भुत आकार वाली पेडों की जडें, अद्भुत पत्थर चित्र एकत्र किए।
दिनांक 20 जनवरी के कार्यक्रम स्वामी सुंदरानंद जी के आध्यात्मिक गुरु स्वामी तपोवन महाराज के 62 वे निर्माण दिवस पर अर्चना वाटिका, देहरादून में स्मृति सभा।
विश्व समन्वय संघ की चेयरमैन सुश्री कुसुम शाह, उपाध्यक्ष श्री अतुल कुमार, महासचिव श्री आचार्य अभिनव जी, सचिव राजकुमार व श्री हरीप्रकाश जी के साथ उत्तराखंड प्रभारी श्री उन्नत राणा, गवर्निंग बॉडी के सदस्य श्री राकेश गर्ग जी के साथ श्री रमेश चंद शर्मा ,(गांधी विचारक , युवा विरादरी ) , राशिद लतीफ़ साथ में अभ्युदय टीम, इंडिया, इस कार्यक्रम में शामिल रहें।
डॉक्टर अशोक लूथरा, श्री शशिकांत जी सहयोजक से कार्यक्रम सफल हुआ।
विश्व समन्वय संघ की चेयरमैन सुश्री कुसुम शाह, उपाध्यक्ष श्री अतुल कुमार, महासचिव श्री आचार्य अभिनव जी, सचिव राजकुमार व श्री हरीप्रकाश जी के साथ उत्तराखंड प्रभारी श्री उन्नत राणा, गवर्निंग बॉडी के सदस्य श्री राकेश गर्ग जी के साथ श्री रमेश चंद शर्मा ,(गांधी विचारक , युवा विरादरी ) , राशिद लतीफ़ साथ में अभ्युदय टीम, इंडिया, इस कार्यक्रम में शामिल रहें।
डॉक्टर अशोक लूथरा, श्री शशिकांत जी सहयोजक से कार्यक्रम सफल हुआ।